लेखनी प्रतियोगिता -19-Nov-2021 धोखा
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एक फसाना बन जाती है,
एक तराना बन जाती है,
बड़ी धोखेबाज है दोस्तों---
यह जिंदगी एक जमाना बन जाती है,
रात आती है एक नई सुबह लाती है,
इस रात दिन के चक्कर में---
जीवन की रेखा कम होती जाती है,
जी लो जिंदगी जी भर के---
वक्त का कुछ पता नहीं,
टूटेगी एक दिन सांसो की डोर---
सब उसे पता है,
इसमें ना मेरी खता है, ना तेरी खता है,
लेकिन इस भीड़ -भाड़ की दुनिया में---
जिंदगी लापता है।
संगीता वर्मा✍✍
Swati chourasia
20-Nov-2021 07:01 AM
Very beautiful 👌
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آسی عباد الرحمٰن وانی
19-Nov-2021 08:29 PM
Bht khoob
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Renu Singh"Radhe "
19-Nov-2021 08:29 PM
बहुत खूब
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